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लेखनी कहानी -18-Jan-2022 एक समय की बात है

एक समय की बात है 
जब माता पिता की बात हर हालत में मान्य होती थी 
जब गुरुजनों की समाज में खास अहमियत होती थी 
एक चूल्हे पर पूरे परिवार का खाना बनता था 
नन्हा मेहमान तो पड़ोस में ही पलता बढ़ता था 
घर आया मेहमान पूरे मौहल्ले का मेहमान होता था 
उसकी आवभगत में हर कोई पलक बिछाये रखता था 
एक दूसरे के दुख सुख महसूस किये जाते थे 
बिना मतलब के भी लोग मिलने आया करते थे 
मुंह पर मिठास और मन में कड़वाहट कम होती थी
पड़ोसी को खुश देखकर खुद को भी खुशी होती थी 
मौहल्ले भर के बच्चे एक साथ खेला करते थे 
लड़ भिड़ कर के फिर से एक हो जाया करते थे 
पत्नी का मुंह पहली बार गौने पर ही दिखता था 
कागज पे उतरे शब्दों में प्रियतम का चेहरा दिखता था 
धन से कंगाल पर मन से अमीर सब लोग हुआ करते थे 
एक समय की बात है, कभी ऐसे भी दिन हुआ करते थे 

हरिशंकर गोयल "हरि"
18.1.22 


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7 Comments

Payal thakur

18-Jan-2022 07:55 PM

👍👍

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Hari Shanker Goyal "Hari"

18-Jan-2022 08:52 PM

धन्यवाद जी

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Swati chourasia

18-Jan-2022 05:06 PM

Very true 👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

18-Jan-2022 08:52 PM

धन्यवाद जी

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Arman Ansari

18-Jan-2022 04:44 PM

Sty kaha

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Hari Shanker Goyal "Hari"

18-Jan-2022 08:52 PM

धन्यवाद जी

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Hari Shanker Goyal "Hari"

18-Jan-2022 08:52 PM

धन्यवाद जी

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